Monday 11 April 2022

New India नया भारत

नया भारत क्रांति से उत्पन्न हुआ है यह मूल रूप से शांत और अहिंसक रहा है हम जनतंत्र के प्रति वचनबद्ध हैं देश की भावी प्रगति शताब्दियों के कार्य को कुछ दशकों में पा लेने पर निर्भर करती है! नए समाज को लाने का अनिवार्य माध्यम शिक्षा है! कल्याणकारी राज्य में हमारा लक्ष्य अपने सभी नागरिकों को भोजन वस्त्र और आवास देना होना चाहिए! हमें भाइयों की तरह रहना चाहिए भले ही वे भिन्न-भिन्न जातियों और प्रांतों के हो! इस संबंध में हमें वास्तविक सहायता शिक्षा ही दे सकती है! इसीलिए देश के तमाम नागरिकों को युवाओं को शिक्षित होना उतना ही आवश्यक है जितना कि जीने के लिए ऑक्सीजन! एक सुशिक्षित नागरिक ही देश में परिवर्तन ला सकता है! हमें अपने नैतिक मूल्यों को स्थापित करते हुए परिवर्तन लाने की कोशिश करनी चाहिए ना कि  संप्रदायिक तरीकों से! हमारा देश भारत मैं ऐसे ऐसे विद्वान पैदा हुए हैं जो संपूर्ण विश्व के लिए शांति शिक्षा के मार्गदर्शक रहे हैं! हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए और विविधता में एकता स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए! सभी वर्गों के लोगों का सम्मान करना ही हमारा परम कर्तव्य होना चाहिए!  यदि सभी लोग अपने अपने धर्म का पालन करें तो सभी सुखी और समृद्ध रह सकते हैं! आज धर्म का स्थान गौण हो रहा है  और अधर्मी तत्व समाज पर हावी हो गए हैं! जिसके परिणाम स्वरूप समाज दुखी और दरिद्र है !आज सदाचारी लोगों का जीवन कदम कदम पर विघ्न बाधाओं से घिरा हुआ है ! आज का समाज ऐसा होना चाहिए कि सबके सामने आत्मज्ञान और अभेददर्शन का आदर्श रखा जा सके! परस्पर प्रतिस्पर्धा के स्थान पर परस्पर सहयोग का भाव विकसित किया जा सके सबको अपनी सहज योग्यताओ के विकास का अवसर मिल सके ऐसा होने पर ही धर्म को प्रोत्साहन और मोक्ष की इच्छा को अनुकूल वातावरण मिल सकेगा! विश्व समाज में राष्ट्र एक दूसरे के साथ उसी प्रकार से रहे जैसे कि एक परिवार का सदस्य अपने परिवार के दूसरे सदस्य के साथ रहता है! युद्ध और कलह का युग समाप्त होना चाहिए! जो राष्ट्र दूसरे राष्ट्र की ओर कुदृष्टि डालें उसका बहिष्कार किया जाना चाहिए न्याय और सत्य को सामूहिक आचरण का आधार बनाया जाना चाहिए!  मानव संस्कृति अविभाज्य है! योगी कवि कलाकार और वैज्ञानिक चाहे किसी भी देश के क्यों ना हो वह संपूर्ण मानव समाज के विभूति हैं अन्याय शोषण और अज्ञान का  विरोध करना चाहिए और मनुष्य मनुष्य में सद्भाव और शांति स्थापित करने का यत्न करना चाहिए!  ऐसी स्थिति वाले समाज में ही ऊंची कला विद्या और विज्ञान का विकास हो सकता है और ऐसी परिस्थिति में ही धर्म का अभ्यास परिपूर्ण हो सकता है तथा आत्म साक्षात्कार का अनुकूल वातावरण मिल सकता है ऐसे समाज में ही मनुष्य को मनुष्य की भांति रहने का अवसर मिल सकता है ऐसे समाज का निर्माण करना है प्रत्येक व्यक्ति का धर्म है और यही नया भारत हो सकता है मेरे नजरिए से जय हिंद

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